अमेरिका ने भारत की नाराजगी के बावजूद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर एक बार फिर से बयान दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार रात को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हम अपने स्टैंड पर कायम हैं और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया पूरी हो।” अमेरिका ने कांग्रेस पार्टी से जुड़े बैंक अकाउंट्स के फ्रीज किए जाने पर भी बयान दिया। मिलर ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि टैक्स अथॉरिटी ने उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।” अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बारबेना को तलब किया था। उनके बीच करीब 40 मिनट तक बैठक हुई थी। इससे जुड़े एक सवाल पर बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “मैं कूटनीतिक बातचीत की जानकारी नहीं दे सकता।” दरअसल अमेरिका ने मंगलवार की रात भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए। भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसका विरोध किया था। मंत्रालय ने कहा था- भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। अगर दो देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा था- भारत में कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्य
ायपालिका पर आधारित है। उस पर कलंक लगाना या सवाल उठाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे पहले 23 मार्च को इस मामले में जर्मनी का बयान भी सामने आया था। जर्मनी ने कहा था, ‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी। जब तक दोष साबित न हो तब तक किसी भी शख्स को निर्दोष मानने के कानूनी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।’ जर्मनी की डिप्लोमैट तलब, विदेश मंत्रालय ने कहा- दखलंदाजी न करें: जर्मनी के बयान पर भारत ने उनकी ऐंबैसी के डिप्टी हेड को तलब किया था और कहा कि जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे। हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं। इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं। भारत एक ताकतवर लोकतंत्र है, जहां कानून का पालन होता है। दूसरे मामलों की तरह इस मामले (केजरीवाल की गिरफ्तारी) में भी कानून के तहत कार्रवाई होगी। 21 मार्च को ED ने दिल्ली CM केजरीवाल को गिरफ्तार किया था शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वे 28 मार्च तक ED की हिरासत में हैं। केजरीवाल ED कस्टडी से सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में पेशी के समय कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे।